30 अगस्त यानी आज का चांद बेहद खास है

आज फुल मून, सुपरमून और ब्लू मून तीनों एक साथ पड़ रहे हैं

इस खगोलीय घटना को 'सुपर ब्लू मून' कहा जाता है

चांद से जुड़े इस रोचक टर्म का मतलब क्या है?  क्या आज आसमान में चांद नीला हो जाएगा?  ये नजारा कितने दिनों बाद दिखता है? 

सुपरमून क्या होता है? पृथ्वी के चारों ओर चांद एक अंडाकार कक्षा में चक्कर लगाता है. जब चांद पृथ्वी के सबसे करीब होता है और तब पूर्णिमा पड़ जाए, उसे ही सुपरमून कहा जाता है

1979 में एस्ट्रोलॉजर रिचर्ड नोल ने पहली बार ‘सुपरमून’ शब्द का इस्तेमाल किया था

सुपरमून के वक्त धरती से चांद 14% ज्यादा बड़ा और 30% ज्यादा चमकदार दिखाई देता है

भारत में 30 अगस्त की रात 9:30 बजे सुपर ब्लू मून दिखने लगा, 31 अगस्त की सुबह 7.30 बजे ये अपने पीक पर होगा

सुपर ब्लू मून में चांद नीला नहीं होता, बल्कि ज्यादा बड़ा और चमकदार दिखाई देता है.

असम के गुवाहाटी से सुपर ब्लू मून का दृश्य ऐसा दिखा.

पश्चिम बंगाल में कोलकाता से सुपर ब्लू मून ऐसा नजर आया.