क्या है सुनीता विलियम्स स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की असली कहानी, जानें

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स जिस स्पेसक्राफ्ट यानी स्टारवलाइनर कैप्सूल को उड़ाकर स्पेश तक ले गईं. 

यह उसकी पहली मानवयुक्त ट्रायल उड़ान थी. यानी पहली बार इस कैप्सूल में इंसान बैठकर अंतरिक्ष की यात्रा पर जा रहा था. 

यह स्टारलाइनर क्रू फ्लाइट टेस्ट स्पेसक्राफ्ट है. इस स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट को बोईंग डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी कंपनी ने बनाया है. 

इसे बनाने का मकसद था कि स्पेस स्टेशन तक एस्ट्रोनॉट्स को पहुंचाया जा सके और वहां से वापस लाया जा सके. 

नासा ने कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत बोईंग को यह स्पेसक्राफ्ट बनाने के लिए कहा. 

इस स्पेसक्राफ्ट का मॉडल पहली बार 2010 में पेश किया गया था.

बोईंग का नासा के अपोलो, स्पेश शटल और स्पेस स्टेशन प्रोग्राम से पुराना रिश्ता था.

नासा ने अक्टूबर 2011 में बोईंग को स्पेसक्राफ्ट बनाने के लिए हरी झंडी दी. 

स्टारलाइन बनते-बनते 6 साल लग गए. 2017 में बना. 2019 तक उसके परीक्षण उड़ान होते रहे लेकिन इन उड़ानों में कोई इंसान शामिल नहीं था.