84 सालों में ये रहा पृथ्वी का सबसे गर्म दिन, वैज्ञानिकों ने बताया, आप भी जान लें
जून और जुलाई में भीषण गर्मी के बाद बारिश से अब थोड़ी राहत जरूर मिल गई है. हालांकि जलवायु परिवर्तन के कारण इस साल गर्मी अपने चरम पर रही और अभी भी पूरी धमक के साथ पड़ रही है.
इस बीच खबर आ रही है कि पृथ्वी ने कम से कम 84 सालों में सबसे गर्म दिन का अनुभव किया है. ये दिन इसी जुलाई महीने में पड़ा है.
यह जानकारी European Union के Copernicus Climate Change Service (C3S) ने दी है, जब वैश्विक औसत तापमान 84 सालों के चरम पर था. यह घटना रिकॉर्ड तोड़ने वाले तापमानों की एक श्रृंखला के बाद हुई है.
जून लगातार 12वां महीना रहा, जब वैश्विक तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा (Threshold) तक पहुंचा या उससे अधिक रहा. पिछले साल जून से अब तक हर महीना रिकॉर्ड तौर पर सबसे गर्म रहा है. उच्चतम दैनिक औसत तापमान वाले 10 वर्ष 2015 से 2024 तक हैं.
C3S के प्रारंभिक डेटा से पता चला है कि 21 जुलाई 2024 कम से कम 1940 के बाद से सबसे गर्म दिन था, जिसने 6 जुलाई, 2023 को दर्ज 17.08 डिग्री सेल्सियस के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया.
21 जुलाई 2024 को वैश्विक औसत तापमान 17.09 डिग्री सेल्सियस के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया. जो बात सबसे अलग है वह यह है कि जुलाई 2023 और पिछले सभी वर्षों के तापमान के बीच महत्वपूर्ण अंतर है.
जुलाई 2023 से पहले अगस्त 2016 में पृथ्वी का दैनिक औसत तापमान रिकॉर्ड 16.8 डिग्री सेल्सियस था. हालांकि, 3 जुलाई 2023 से 57 दिन ऐसे रहे हैं, जब तापमान पिछले रिकॉर्ड से अधिक रहा है.
वैश्विक औसत तापमान आमतौर पर जून के अंत और अगस्त की शुरुआत के बीच चरम पर होता है, जो उत्तरी गोलार्ध की गर्मियों के कारण होता है.
वायुमंडल में Greenhouse Gases, मुख्य रूप से Carbon Dioxide और Methane की अधिकता से पृथ्वी की सतह का तापमान पहले ही लगभग 1.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है. इस गर्मी को दुनिया भर में रिकॉर्ड सूखे, जंगल की आग और बाढ़ का कारण माना जाता है.