इन 5 मंदिरों के रहस्य वैज्ञानिकों को भी कर देते हैं हैरान
भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जो कि बेहद रहस्यमयी और चमत्कारिक हैं. देवी-देवताओं में आस्था रखने वाले इसे भगवान की कृपा मानते हैं.
कामाख्या देवी का मंदिर असम की राजधानी गुवाहाटी के समीप स्थित है. इस मंदिर को 51 शक्तिपीठ में एक माना गया है.
माता के इस मंदिर में कोई मूर्ति स्थापित नहीं है. मंदिर में स्थित एक पत्थर से पानी निकलता है.
हैरान करने वाली बात ये है कि इस पत्थर महीने में एक बार खून की धारा बहती है. यह ऐसा क्यों होता है इसका पता आज तक वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए.
हिमाचल प्रदेश के कालीधार पहाड़ी पर ज्वाला देवी का प्रसिद्ध मंदिर है. इस मंदिर में धरती से ज्वाला निकलती है. जिसका रंग बराबर बदलता रहता है.
मगर, आज तक इस बात की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है कि ज्वालाएं कहां से निकलती हैं और इसके रंग कैसे बदल जाते हैं.
राजस्थान के बिकानेर में करणी माता का मंदिर मौजूद है. इस मंदिर की ख्याति चूहों वाली माता के मंदिर के रूप भी है.
आश्चर्य की बात ये है कि इस मंदिर के चूहे किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. खास बात ये है कि मंदिर परिसर के बाहर चूहे नहीं दिखते हैं.
राजस्थान का मेहंदीपुर बालाजी मंदिर सिद्धपीठों में से एक है. मान्यता है कि यहां हनुमान जी जाग्रित अवस्था में विराजमान हैं.
हैरान करने वाली बात ये है कि इस मंदिर में रात में रुका नहीं जा सकता. इस मंदिर का प्रसाद घर लेकर भी नहीं जाया जा सकता है.
मध्यप्रदेश के उज्जैन का महाकाल मंदिर भी किसी रहस्य से कम नहीं है. यहां कालभैरव को भक्त सिर्फ शराब चढ़ाते हैं.
हैरान करने वाली बात ये है कि शराब के प्याले को जैसे ही कालभैरव के मुंह से लगाया जाता है, वह एक पल में गायब हो जाता है.