गुफा में जाने से पहले भगवान शिव ने किन चीजों का कर दिया था त्याग?
पवित्र अमरनाथ गुफा में हर साल प्राकृतिक रूप से बर्फ का शिवलिंग बनता है. जिससे बाबा बर्फानी के नाम से जाना जाता है.
कहते हैं कि माता पार्वती ने भगवान शिव से अमरता का रहस्य पूछा, तो महादेव ने उनकी बात को मानते हुए उन्हें एक कथा सुनाई.
मान्यता है कि भगवान शिव ने माता पार्वती को जिस जगह पर अमरता की कथा सुनाई थी वह स्थान अमरनाथ गुफा के नाम से जाना जाता है.
भगवान शिव मां पार्वती को अमरता का रहस्य बताने से पहले कुछ चीजों का त्याग कर दिया था.
मान्यतानुसार, भगवान शिव ने अमरनाथ गुफा में जाने से पहले सर्वप्रथम नंदी का त्याग किया था.
भगवान शिव ने जिस स्थान पर नंदी का त्याग किया उसका नाम पहलगांम पड़ा.
नंदी का त्याग करने के बाद भगवान शिव ने अपने मस्तक पर विराजमान चंद्रमा का त्याग किया.
जिस जगह पर भोलेनाथ ने चंद्रमा का त्याग किया उस स्थान को आज भी चंदनवाड़ी के नाम से जाना जाता है.
तीसरे स्थान पर भगवान शिव ने अपने गले में लिपटे हुए सर्प का त्याग किया.
जिस जगह पर महादेव ने अपने गले के सांप का त्याग किया वह स्थान शेषनाग कहलाया.
मां पार्वती को अमरता का रहस्य बताने से पहले शिव जी ने सबसे अंत में अपनी जटाओं का त्याग किया.
जिस जगह पर भोलेनाथ ने अपनी जटाओं का त्याग किया उस स्थल को पंचतरणी के नाम से जाना जाता है.