धरती पर आज भी मौजूद हैं हनुमान जी के अलावा ये 7 देवता

ईश्वर कण-कण में विराजमान है. सनातन धर्म में 33 कोटि देवी-देवताओं की पूजा होती है.

यहां पर 33 कोटि देवी-देवताओं का मतलब है कि 33 प्रकार के देवी-देवता हैं, जिनकी सनातन धर्म में पूजा की जाती है.

33 कोटि देवी-देवताओं में आठ वसु, ग्यारह रुद्र, बारह आदित्य, इंद्र और प्रजापति शामिल हैं. कुछ शास्त्रों में इंद्र और प्रजापति के स्थान पर दो अश्विनी कुमारों को 33 कोटि देवताओं में शामिल किया गया है.

वहीं बात जब हनुमान जी होती है तो कहा जाता है कि वह ही एकमात्र ऐसे देवता हैं, जो सशरीर पृथ्वी पर मौजूद है, लेकिन 7 और ऐसे देवता या फिर ईश्वर के अवतार थे, जिन्हें अमर होने का वरदान मिला था. ये आज भी पृथ्वी पर मौजूद हैं.  

इन 7 लोगों को भी चिरंजीवी होने का वरदान मिला है. जिसमें अश्वत्थामा, राजा बलि, विभीषण, शिव के परम भक्त हैं परशुराम, ऋषि कृपाचार्य, वेदव्यास और ऋषि मार्कंडेय हैं. 

कहा जाता है कि ये सभी आज भी पृथ्वी या फिर पाताललोक में विराजमान हैं. जिनकी पूजा की जाती है. इन सभी में हनुमान जी को सबसे प्रभावशाली देवता के तौर पर माना जाता है. 

हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार बताया जाता है. बजरंगबली को भी अमरत्व का वरदान प्राप्त है.

कहते हैं कि जब प्रभु श्री राम अयोध्या छोड़ बैकुण्ठ पधारने लगे, तब हनुमान जी ने पृथ्वी पर ही रुकने की इच्छा व्यक्त की. तब श्री राम ने उन्हें पृथ्वी पर सदा अमर रहने का वरदान दिया था.

हनुमान जी के अलावा ये सात ऐसे चिरंजीवी हैं जिन्हें हिंदू पौराणिक कथाओं में अमर माना गया है.