28 मार्च को प्रबल होंगी नकारात्मक शक्तियां, रात होने से पहले जरूर करें ये उपाय

पूर्णिमा पर जहां चारों तरफ चांद की रोशनी सकारात्मकता को दर्शाती है, वहीं अमावस्या की अंधेरी रात नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है.

वैसे तो हर माह में आने वाली अमावस्या तिथि अपने आप में खास होती है. लेकिन आपको बता दें कि चैत्र माह में पड़ने वाली अमावस्या बेहद खास होने के साथ-साथ बेहद खतरनाक भी मानी जाती है. 

दरअसल चैत्र माह में पड़ने वाली अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में इस अमावस्या को बेहद खास माना जाता है.

मान्यता है कि भूतड़ी अमावस्या को खासतौर पर नकारात्मक शक्तियों से बचाने और आत्मिक शांति प्राप्त करने के लिए माना जाता है.

इस दिन पूजा-पाठ और कुछ खास उपाय करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. ऐसे में आइए जानते हैं पंडित रमाकांत मिश्रा के अनुसार भूतड़ी अमावस्या का महत्व, उपाय और कब पड़ रही है ये अमावस्या. 

इस साल भूतड़ी अमावस्या 28 मार्च 2025 को शाम 7:55 बजे से 29 मार्च को शाम 4:27 बजे तक रहेगी. वैदिक कैलेंडर में उदया तिथि मान्य होने के कारण यह अमावस्या 29 मार्च को ही मान्य होगी.  

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भूतड़ी अमावस्या पर नकारात्मक शक्तियां प्रबल हो जाती हैं. इस दौरान अंधेरी रात में काली शक्तियां अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरा करने के लिए किसी शरीर की तलाश करती हैं.

ऐसे में चलिए हम आपको बताते हैं क्या है इसे बचने का तरीका? 

चैत्र अमावस्या पर देवी-देवताओं की पूजा के साथ-साथ हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है. 

अमावस्या तिथि को पितृ पूजा के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन अपने पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करना शुभ माना जाता है. 

भूतड़ी अमावस्या पर नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है. नदी के पवित्र जल में स्नान करने से व्यक्ति का मन शांत होता है और नकारात्मक ऊर्जाएं दूर रहती हैं.