छठ पूजा के चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है.
माना जाता है कि खरना के दौरान छठ व्रती को किसी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए.
यही वजह है कि खरना एक बंद कमरे में करने की परंपरा चली आ रही है.