पितृ पक्ष में भूलकर भी ना करें तुलसी से जुड़ी ये गलतियां, मां लक्ष्मी हो सकती हैं नाराज
पंचांग के अनुसार, इस साल पितृ का आरंभ 17 सितंबर से होने वाला है. जबकि, इस अवधि का समापन 2 अक्टूबर को होगा.
पितृ पक्ष के दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान किया जाता है. पितरों के प्रसन्न होने से देवता भी प्रसन्न होते हैं.
पितृ पक्ष 15 दिनों की अवधि होती है, जिसमें लोग अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. पूर्वजों की याद में पूजा-पाठ किए जाते हैं.
पितृ पक्ष में तुलसी की पूजा अत्यंत शुभ मानी गई है. इसलिए इस दौरान लोग तुलसी से जुड़े खास उपाय करते हैं.
पितृ पक्ष के दौरान तुलसी की पूजा के दौरान कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए. आइए जानते हैं कि श्राद्ध पक्ष में तुलसी से जुड़ी कौन-कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए.
धार्मिक मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान तुलसी को स्पर्श नहीं करना चाहिए. तुलसी पवित्र होती है और उसको छूने से पहले स्वच्छता और पवित्रता का खास ख्याल रखा जाता है.
कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान तुलसी की पत्तियों को तोड़ना नहीं चाहिए. मान्यता है कि इससे पितरों की आत्मा को कष्ट होता है.
पितृ पक्ष में तुलसी की पूजा बेहद शुभ मानी गई है. ऐसे में अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उसके पूर्वजों की आत्मा को दुख पहुंचता है.
पितृ पक्ष में तुलसी की पूजा करने वालों को श्राद्ध या तर्पण नहीं करना चाहिए. इसके अलावा श्राद्ध के जुड़ा कोई कार्य भी नहीं करवाना चाहिए.
पितृ पक्ष में तुलसी के पत्तों का दान, तुलसी की माला को धारण करना या तुलसी के पौधों की देखभाल करना चाहिए.