क्या आप जानते हैं भगवान शिव के गले में कैसे पहुंचा नागों का राजा वासुकी
भगवान शिव के गले में लिपटा हुआ सांप नागराज वासुकी है.
पौराणिक कथा के अनुसार नागों का राजा वासुकी भगवान शिव के परम भक्त थे.
नागराज वासुकि हमेशा भगवान शिव की उपासना में तल्लीन रहते थे.
समुद्र मंथन के समय भी नागराज वासुकी का ही रस्सी के रूप में प्रयोग किया गया था.
नागराज वासुकी की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव उसे नागलोक का राजा बना दिया.
कहते हैं कि नागराज वासुकी की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव उसे अपने गले में आभूषण की तरह लिपटे रहने का वरदान दे दिया.
भगवान शिव से प्राप्त वरदान के बाद से ही नागराज वासुकी भोलेनाथ के गले में लिपटा हुआ है.
पुराणों के अनुसार, नागों के पांच वंश हैं. जिसमें शेषनाग पहला है.
नागों के वंशावली में अनंत, वासुकी, तक्षक, पिंगला, और कर्कोटक प्रमुख हैं.