आषाढ़ मास में इन 5 शुभ कार्यों को करने से होगी बरकत

आषाढ़ का महीना शनिवार, 22 जून से शुरू होने जा रहा है. शास्त्रों के मुताबिक, इस महीने में कुछ धार्मिक कार्यों को करना शुभ माना गया है.

आषाढ़ से शुक्ल पक्ष की एकादशी से अगले चार महीने के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. इस दौरान किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं.

हिंदू धर्म की परंपरा के अनुसार, आषाढ़ में गुरु और भगवान विष्णु की उपासना बेहद शुभ फलदायी मानी गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन गुरु पूजा का विधान है. 

आषाढ़ मास में गुरु की पूजा के अलावा भगवान विष्णु की उपासना भी शुभ फलदायी मानी गई है. इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से संतान सुख की कामना पूरी होती है.

आषाढ़ में सूर्य और मंगल देव की उपासना भी कल्याणकारी मानी गई है. मन और मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहता है.

आषाढ़ में जल देवता (वरुण) की उपासना करने से धन प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है. 

आषाढ़ मास में दान करने से अत्यधिक पुण्य की प्राप्ति होती है. इस महीने में आंवला, छाता, खड़ाऊ और नमक इत्यादि का दान करना अच्छा माना गया है.

आषाढ़ में भगवान शिव की पूजा का विधान भी शास्त्रों में बताया गया है. इस दौरान रोजाना सुबह शिवलिंग पर जल या दूध अर्पित करने से भाग्य खुलते हैं.

आषाढ के महीने में पड़ने वाले रविवार का भी खास महत्व है.आषाढ़ मास में पड़ने वाले रविवार के दिन भोजन में नमक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.