इस मंदिर में रावण ने शिवजी को भेंट किया था अपना 10वां सिर
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मौजूद दूधेश्वर शिव मंदिर को रावण काल से जोड़कर देखा गया है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, हिंडन नदी के किनारे रावण के पिता विश्रवा ने घोर तपस्या की थी.
इस जगह को दूधेश्वर हिरण्यगर्भ महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस स्थान पर भगवान शिव प्रकट हुए थे.
दूधेश्वर नाथ मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा-अर्चना की थी.
रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अपने दसवें सिर को काटकर उन्हें भेंट कर दिया था.
दूधेश्वर नाथ मंदिर उस स्थान पर मौजूद है जहां कई साल पहले एक गाय अपना दूध बराबर गिरा दिया करती थी.
जब बाद में उस स्थान की खुदाई की गई तो वहां शिवलिंग नजर आया. जिसके बाद उस शिवलिंग की विधिवत स्थापना कर पूजा-अर्चना की जाने लगी.
सावन के महीने में गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है.
मंदिर प्रशासन ने इस साल यहां 10 लाख कांवडियों के जलाभिषेक करने का अनुमान लगाया है.