वनवास के दौरान किस जंगल में ठहरे थे श्रीराम-सीता और लक्ष्मण

रामायण महाकाव्य में इस बात का उल्लेख है कि श्रीराम को 14 वर्षों का वनवास मिला था. 

रामायण की एक कथा के मुताबिक, माता कैकेयी ने अपने पुत्रों को राजसिंहासन दिलाने के लिए प्रभु श्रीराम को चौदह वर्षों के लिए वनवास भेज दिया था. 

जब श्रीराम को 14 वर्षों का वनवास हुआ तो उस दौरान उनके साथ माता सीता और लक्ष्मण भी थे. 

चौदह वर्षों के वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण एक जंगल में रुके थे.

यह बात तो अधिकांश लोगों को पता है कि श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता कई वर्षों तक जंगल में बिताए थे.

मगर, कुछ ही लोग जानते हैं कि माता सीता, प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण वनवास के दौरान जिस जंगल में रुके थे उसका नाम क्य था.

वनवास के दौरान वे लोग जिस जंगल में रुके थे उसका क्षेत्रफल 35,600 वर्ग मील में फैला हुआ था. 

उस वक्त वह वन भयानक राक्षसों का निवास स्थान माना जाता था. 

वनवास के दौरान श्रीराम, सीता और लक्ष्मण जिस जंगल में रुके थे, उसे 'दंडकारण्य' के नाम से जाना जाता है.  

'दंडकारण्य' में दंड का अर्थ है सजा देना और अरण्य का मतलब है जंगल है.