ये हैं जगन्नाथ मंदिर के 5 बड़े रहस्य, क्या आपको है पता
जगन्नाथ रथ यात्रा पूरी दुनिया में विख्यात है. इस साल जगन्नाथ रथ यात्र की शुरुआत 7 जुलाई से होगी.
ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ के मंदिर से कई रहस्य जुड़े हैं. इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की लकड़ी की मूर्तियां विराजमान हैं.
जगन्नाथ मंदिर की मूर्तियों को बारह साल में एक बार बदला जाता है. मूर्तियों को बदलने के लिए मंदिर में सिर्फ एक पुजारी को जाने की अनुमति मिलती है.
मंदिर में जो पुजारी मूर्तियों को बदलता है उसकी आखों पर पट्टियां बांध दी जाती है ताकि पुजारी मूर्तियों को ना देख सके.
पुरानी मूर्तियों से ब्रह्म पदार्थ को निकालकर नई मूर्तियों में स्थापित कर दिया जाता है.
ब्रह्म पदार्थ के बारे में कहा जाता है कि जो कोई उसे देखता है उसकी तत्काल मृत्यु हो जाती है.
मंदिर से जुड़ा एक रहस्य सिंहद्वार भी है. कहा जाता है कि सिंहद्वार से बाहर आने पर समुद्र की लहरों की बहुत तेज आवाज आती है.
लेकिन, जैसे ही कोई सिंहद्वार के अंदर प्रवेश करता है तो लहरों की आवाज सुनाई नहीं देती.
जगन्नाथ मंदिर से जुड़ा एक रहस्य यह भी है कि अब तक इस मंदिर के गुंबद पर किसी भी पक्षी को बैठा हुआ नहीं देखा गया.
जगन्नाथ मंदिर से जुड़ा एक अन्य रहस्य यह भी है कि धूप चाहे कितनी भी तेज क्यों ना हो, मंदिर की परछाई नहीं बनती.
जगन्नाथ मंदिर के ऊपर लगा हुआ झंडा प्रत्येक दिन शाम के समय बदला जाता है.
इस झंडे को लेकर मान्यता है कि अगर रोज इसे नहीं बदला गया तो यह मंदिर आने वाले 18 वर्षों में बंद हो जाएगा.
जगन्नथ मंदिर का रसोईघर दुनिया के सबसे बड़े रसोईघरों में से एक है. कहा जाता कि इस मंदिर में कितने भी भक्त आ जाएं लेकिन प्रसाद कम नहीं पड़ता.
मगर, जैसे ही मंदिर बंद होने का समय होता है तो प्रसाद अपने आप खत्म हो जाता है.