वो रहस्यमयी जगह जहां श्रीकृष्ण आज भी रचाते हैं रासलीला
जन्माष्टमी, जो कि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का त्योहार है, इस बार 26 अगस्त को मनाया जाएगा. भगवान श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी कई रहस्यमयी लीलाएं प्रचलित हैं.
मथुरा के निधिवन के बारे में कहा जाता है कि वहां आज भी रात के समय भगवान श्री कृष्ण रासलीला रचाने आते हैं.
यही वजह है कि निधिवन परिसर में शाम 7 या 8 बजे के बाद से किसी को भी जाने की इजाजत नहीं मिलती. यहां तक की रात के समय निधिवन में पशु-पक्षी, भक्त और पुजारी कोई नहीं रहता.
निधिवन को लेकर मान्यता है कि शाम होते ही जानवर यहां से भागने लगते हैं. निधिवन में मौजूद एक भी वृक्ष सीधा नहीं दिखाई देता.
निधिवन में तुलसी के पौधे जड़ों में लगे पाए जाते हैं. इस बारे में मान्यता है कि जब रात में श्रीकृष्ण और राधा-रानी रासलीला रचाते हैं तो तुलसी के पौधे गोपियों में बदल जाते हैं.
निधिवन में हर रोज शाम की आरती से पहले रंग महल में चंदन का महल सजाया जाता है. वहां माखन और मिश्री का प्रसाद रखा जाता है. इसके अलावा वहां जल का पात्र भी रखा जाता है.
कहते हैं कि रासलीला रचने के बाद भगवान श्रीकृष्ण वहां विश्राम करने आते हैं. सुबह जब मंदिर के कपाट खुलते हैं तो बिस्तर ऐसा लगता है जैसे किसी ने इस्तेमाल किया हो.
निधिवन के निवासियों का मानना है कि जो कोई रासलीला को देखने की कोशिश करता है वह पागल, अंधा या गूंगा हो जाता है.
कहा जाता है कि इन्हीं सब कहानियों की वजह से दुनिया भर के लोग दर्शन करने के लिए निधिवन आते हैं.