क्या आप जानते हैं भगवान शिव की 5 नाग कन्याओं के नाम
मधुश्रावणी व्रत की कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव और माता पार्वती सरोवर के किनारे जलक्रीडा कर रहे थे.
उस दौरान संयोग से भगवन शिव का वीर्यस्खलन हो गया. भगवान शिव ने उसे एक पत्ते पर रख दिया.
कहते हैं कि उस वीर्य से पांच कन्याओं का जन्म हुआ, लेकिन सभी कन्याएं मनुष्य के रूप में ना होकर नाग रूप में थीं.
भगवान शिव ने उन सभी नाग कन्याओं का नाम जया, विषहर, शामिलबारी, देव और दोतलि रखा.
कहा जाता है कि जिस दिन भगवान शिव की पांच नाग कन्याओं का जन्म हुआ उस दिन सावन शुक्ल पंचमी थी.
माता पार्वती को इस बात की जानकारी नहीं थी कि भगवान शिव की लीला से पांच नाग कन्याओं का जन्म हो चुका है.
भगवान शिव रोजाना उस सरोवर के पास अपनी पांच नाग कन्याओं के मिलने जाते और उनके साथ खेलते.
एक दिन माता पार्वती को शक हुआ कि आखिर भगवान शिव कहां चले जाते हैं. इस बात का पता लगाने के लिए माता पार्वती ने उनका पीछा किया.
माता पार्वती ने छिपकर देखा कि भगवान शिव उन नाग कन्याओं को पिता की तरह बहुत प्यार-दुलार कर रहे हैं.
यह सब देखकर माता पार्वती बहुत क्रोधित हुईं और सभी नाग कन्याओं क मारने के लिए पैर उठाया.
माता पार्वती को क्रोधित देखकर भगवान शिव ने उन्हें तुरंत रोका और कहा कि ये सब अपकी ही पुत्रियां हैं.
यह जानकर माता पार्वती को आश्चर्य हुआ. तब भगवान शिव ने उन कन्याओं के जन्म की सारी कथा बताई.
नाग कन्याओं के जन्म की कथा सुनकर माता पार्वती जोर-जोर से हंसने लगीं, जिसके बाद उन्होंने सभी कन्याओं को अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया.