सुंदरकांड का रोजाना पाठ करना हर प्रकार से लाभदायक है. इसके कई फायदे हैं, लेकिन यह पाठ तभी फलदायी होता है, जब निर्धारित विधि-विधानों का पालन किया जाए.
सुंदरकांड का पाठ करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रख जाना जरूरी बताया गया है. सुंदरकांड का पाठ, स्नान और स्वच्छ वस्त्र धारण करके करना चाहिए.
सुंदरकांड का पाठ सुबह या शाम के चार बजे के बाद करें, दोपहर में 12 बजे के बाद पाठ न करें. पाठ करने से पहले चौकी पर हनुमानजी की फोटो या मूर्ति रखें.
सुंदर कांड का पाठ करते वक्त हनुमानी जी के सामने घी का दीया जलाएं. इसके अलावा भगवान को भोग लगाने के लिए फल, गुड़-चना, लड्डू या कोई भी मिठाई का इस्तेमाल कर सकते हैं.
पाठ के बीच में न उठें, न ही किसी से बोलें. सुंदरकांड प्रारंभ करने के पहले हनुमानजी व भगवान रामचंद्र जी का आवाहन जरूर करें.
जब सुंदरकांड समाप्त हो जाए, तो भगवान को भोग लगाकर, आरती करें. इसके बाद उनकी विदाई भी करें.
सुंदरकांड का पाठ करने से न सिर्फ मन की शांति मिलती है. बल्कि, तमाम तरह की समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है.
सुंदरकांड के पाठ से कुंडली के ग्रह-नक्षत्र भी अनुकूल रहते हैं. साथ ही कई प्रकार के कष्टों से भी मुक्ति मिल जाती है.