निर्जला एकादशी का व्रत अगर गलती से टूट जाए तो क्या करें?

साल की सबसे बड़ी एकादशी निर्जला एकादशी को माना गया है. इस साल निर्जला एकादशी का व्रत मंगलवार, 18 जून को रखा जाएगा. 

निर्जला एकादशी व्रत के दौरान कठोर नियम का पालन किया जाती है. इस एकादशी व्रत के दौरान जल का भी सेवन नहीं किया जाता है.

निर्जला एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. अगर किसी कारणवश निर्जला एकादशी का व्रत खंडित हो जाए तो घबराएं नहीं.

अगर निर्जला एकादशी का व्रत किन्हीं वजहों से टूट जाए तो सबसे पहले स्नान करके साफ वस्त्र पहनें.

इसके बाद दूध, दही, घी, शक्कर और शहद का पंचामृत बनाकर उससे भगवान विष्णु का अभिषेक करें.

भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक कराने के बाद उनकी षोडशोपचार पूजन करें. 

भगवान विष्णु से क्षमा याचना करते हुए 'मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन, यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे' और 'ओम् श्री विष्णवे नमः क्षमायाचनं करिष्यामि.' इस मंत्र को बोलें.

भगवान विष्णु से क्षमायाचना करने के बाद गाय, ब्राह्मण और कन्याओं को भोजन कराना चाहिए.

इतना करने के बाद भगवान विष्णु के 12 अक्षरों वाला मंत्र- 'ओम् नमो भगवते वासुदेवाय' इस मंत्र को तुलसी की माला पर कम से कम 21 बार जाप करें.

इसके बाद भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम स्तोत्र या अन्य स्तोत्र का पाठ करें. 

भगवान विष्णु के मंदिर में मौजूद पंडित जी को पीले वस्त्र, पीले फल, मिठाई, चना, हल्दी, केसर समेत अन्य शुभ वस्तुएं दान स्वरूप भेंट करें.