निर्जला एकादशी पर 3 शुभ संयोग, जानें व्रत-पारण का शुभ मुहूर्त और उपाय

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है. पंचांग के अनुसार, इस साल निर्जला एकादशी के दिन कई शुभ संयोग बनने जा रहे हैं. 

मंगलवार, 18 जून को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा. पंचांग के मुताबिक, एकादशी व्रत का पारण 19 जून को सुबह 06 बजे के बाद किया जा सकता है.

पंचांग के अनुसार, निर्जला एकादशी व्रत पारण के दिन द्वादशी तिथि सुबह 7 बजकर 28 मिनट से शुरू होगी.

दृक पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि की शुरुआत 17 जून को सुबह 4 बजकर 43 मिनट पर होगी. जबकि, एकादशी तिथि की समाप्ति 18 जून को सुबह 6 बजकर 24 मिनट पर होगी.

इस बार निर्जला एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग, स्वाति नक्षत्र और शिव योग का खास संयोग बन रहा है. ये दोनों योग और नक्षत्र शुभ कार्यों के लिए शुभ माने गए हैं. 

त्रिपुष्कर योग में किए हुए का कार्य का 5 गुना अधिक लाभ प्राप्त होता है. जबकि शिव योग में मंत्र जाप करने से खास लाभ मिलता है. 

निर्जला एकादशी के पारण के दिन भी पांच संयोग बनने जा रहे हैं. इस दिन सिद्धि योग बनने के साथ ही विशाखा नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग का अद्भुत संयोग बनेगा.

निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु के लिए पंचामृत तैयार करें. साथ ही उसमें तुलसी का पत्त मिलाएं और भगवान विष्णु को अर्पित करें.

निर्जला एकादशी के दिन तुलसी के पौधे की परिक्रमा जरूर करनी चाहिए. ऐसा करने से परिवार खुशहाल रहता है.