भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तनी एकादशी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा के दौरान करवट लेते हैं.
परिवर्तनी एकादशी को पद्मा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. पंचांग के अनुसार, परिवर्तिनी एकादशी का व्रत आज रखा जा रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार परिवर्तिनी एकादशी के दिन कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी के दिन तुलसी में जल अर्पित करने से बचना चाहिए. यहां तक की एकादशी के दिन तुलसी को स्पर्श करने से भी बचना चाहिए.
मान्यता है कि एकादशी के दिन माता लक्ष्मी श्रीहरि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इसलिए एकादशी के दिन तुलसी में जल देने से मना किया जाता है.
जो लोग एकादशी का व्रत रखते हैं उन्हें एकादशी की रात सोने की बजाय पूरी रात भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करनी चाहिए.
परिवर्तिनी एकादशी के दिन बाल, नाखून इत्यादि कटवाने से परहेज करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन गुस्सा करने से बचना चाहिए.
एकादशी के दिन तामसिक भोजन करने से परहेज करना चाहिए. इस दिन लहसुन, प्याज और नॉनवेज इत्यादि नहीं खाने चाहिए.
परिवर्तिनी एकादशी के दिन चावल खाना निषेध है. ऐसे में इस दिन जो व्रत ना भी रखें, उन्हें चावल खाने से बचना चाहिए.
परिवर्तिनी एकादशी के दिन पूजन के दौरान काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि काला रंग नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है.