पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से हो चुकी है, जिसका समापन 2 अक्टूबर को होगा.
ऐसे में किसी भी तरह की आत्मा कौए के शरीर में प्रवेश कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकती है.
यही वजह है कि पितृ पक्ष में पितरों की आत्मा को तृप्त करने के लिए कौए को भोजन कराया जाता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसका जन्म कौआ योनि में होता है.