आखिर जगन्नाथ मंदिर में क्यों नहीं जाते अविवाहित जोड़े, जानें
हर साल पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है. इस साल यह यात्रा 7 जुलाई को निकाली जाएगी.
पुरी के जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी एक मान्यता यह है कि इस मंदिर में अविवाहित जोड़े दर्शन के लिए नहीं जा सकते हैं.
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार राधा-रानी ने जगन्नाथ मंदिर जाकर भगवान जगन्नाथ के दर्शन की इच्छा जाहिर की.
राधा-रानी इस इच्छा को लेकर जगन्नाथ मंदिर पहुंचीं मगर जैसे ही उन्होंने मंदिर में प्रवेश के लिए कदम बढ़ाया तो पुजारी ने उन्हें मुख्य द्वार पर ही रोक दिया.
पुजारी के इस व्यवहार से राधा-रानी हैरान हुईं और उन्होंने इसका कारण पूछा.
तब मंदिर के पुजारी ने कहा कि देवी आप भगवान श्रीकृष्ण की प्रेमिका हैं, उनकी विवाहिता नहीं.
इस बात को जानकर राधा-रानी बहुत क्रोधित हुईं और उन्होंने पुजारी को श्राप देते हुए कहा का आज के बाद से अगर कोई अविवाहित जोड़ा एकसाथ इस मंदिर में प्रवेश करेगा तो उसे जीवन भर प्रेम प्राप्त नहीं होगा.
मान्यता है कि राधारानी के इस श्राप की वजह से आज भी कोई अविवाहित जोड़ा जगन्नाथ मंदिर में एकसाथ दर्शन के लिए नहीं जाता.