Chanakya Niti: ये गलतियां इंसान को कर देती हैं बर्बाद

चाणक्य नीति-श्लोक धर्म धनं च धान्यं च गुरोर्वचनमौषधम्। सुगृहीतं च कत्र्तव्यमन्यथा तु न जीवति।।

चाणक्य इस श्लोक के माध्यम से कहते हैं कि धर्म से जुड़ी गलतियां होने पर व्यक्ति को उसका फल नहीं मिलता है. जिसकी वजह से लोगों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे धार्मिक कार्यों में किए जाने वाले मंत्रों के उच्चारण का खास ख्याल रखना चाहिए.

चाणक्य के मुताबिक, अगर धन के इस्तेमाल का तरीका पता नहीं है तो व्यक्ति बर्बादी की स्थिति में पहुंच सकता है. ऐसे में व्यक्ति को बहुत सोच-समझकर धन खर्च करना चाहिए.

चाणक्य कहते हैं कि इंसान को इस बात का पता होना चाहिए कि उसे अपनी कमाई का कहां और किस उद्देश्य से खर्च कर रहा है.

चाणक्य के मुताबिक, धन का सही से इस्तेमाल नहीं करने पर व्यक्ति बर्बादी की राह पर चला जाता है. 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि शिक्षक और गुरु की बातों को ना मानने वालों को भी कई प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है.

चाणक्य कहते हैं कि गुरु की बातों की अवहेलना करने वाले व्यक्ति का जीवन सुखी नहीं होता. गुरु की आज्ञा को काटकर मनमानी करने वाला व्यक्ति बर्बादी की राह पर चला जाता है.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अन्न का सोच समझकर इस्तेमाल करना चाहिए. चाणक्य के मुताबिक, जरूरत से अधिक अन्न का इस्तेमाल करने पर दरिद्रता का सामना करना पड़ सकता है. 

चाणक्य कहते हैं कि आवश्यकता से अधिक भोजन करने वालों के घर में दरिद्रता का वास होने लगता है. ऐसे लोग बर्बाद हो जाते हैं. 

चाणक्य के मुताबिक, बीमारी के दौरान दवा का सही ढंग के इस्तेमाल ना करने पर जीवन पर खतरा मंडराने लगता है. चाणक्य कहते हैं दवा खाते वक्त की गई भूल बर्बादी का कारण बनती है

चाणक्य के अनुसार, किसी भी बीमारी से संबंधित दवा का इस्तेमाल करने से पहले उससे जुड़ी हर जानकारी रखना जरूरी है.