क्या आप शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के बारे जानते है? दोनों के बीच का अंतर धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है.
हिंदू कैलेंडर में, चंद्र माह को दो सप्ताहों में विभाजित किया गया है, प्रत्येक सप्ताह लगभग 15 दिनों तक चलता है. इन्हें शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के नाम से जाना जाता है
कृष्ण पक्ष पूर्णिमा (पूनम) से शुरू होता है और अमावस्या तक चलता है. इस समय चंद्रमा अपना आकार खोने लगता है.
इसके अलावा, इसे भगवान कृष्ण के नाम पर कृष्ण पक्ष के रूप में भी जाना जाता है. चंद्रमा के पीले रंग को कृष्ण पक्ष कहा जाता है क्योंकि कृष्ण की त्वचा का रंग श्याम था.
वहीं शुक्ल पक्ष अमावस्या और पूर्णिमा के बीच का समय है, संक्षेप में कहें तो शुक्ल पक्ष प्रकाश का समय है.
जब शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है, तो आकाश में एक उज्ज्वल और पूरी तरह से प्रकाशित अर्धचंद्र दिखाई देता है.
शुक्ल और कृष्ण का अर्थ समझें तो हम दोनों में स्पष्ट अंतर कर सकते हैं. शुक्ल का अर्थ है प्रकाश और कृष्ण का अर्थ है अंधकार
जैसा कि हम पहले ही देख चुके हैं, शुक्ल पक्ष अमावस्या से पूर्णिमा तक रहता है, लेकिन कृष्ण पक्ष, शुक्ल पक्ष के विपरीत, पूर्णिमा से शुरू होकर अमावस्या तक रहता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लोग शुक्ल पक्ष को शुभ और कृष्ण पक्ष को अशुभ मानते हैं. यह विचार चंद्रमा की जीवन शक्ति और प्रकाश से जुड़ा है.