कैसी है खरगोन की जनजातीय संस्कृति में होलिका दहन की अनूठी परंपरा?

मध्य प्रदेश के खंडवा और खरगोन जिलों में जनजातीय समुदायों के बीच होलिका दहन की एक विशेष परंपरा प्रचलित है.

यह परंपरा प्रत्येक घर के सामने होलिका दहन करने और नारियल पूजा से संबंधित है 

यहां के आदिवासी समुदायों में प्रत्येक घर के सामने होलिका दहन करने की प्रथा है, जो उनकी सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं का प्रतीक है.

होलिका दहन से पूर्व, परिवार के सदस्य नारियल की पूजा करते हैं और यह नारियल अग्नि में समर्पित किया जाता है.

यह प्रथा समुदाय की एकता और समृद्धि का प्रतीक है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है. 

यह परंपरा जनजातीय समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

यह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और सामुदायिक भावना को भी मजबूत करती है.

इन परंपराओं के माध्यम से खरगोन का जनजातीय समाज अपनी सांस्कृतिक पहचान को जीवित रखता है, जो भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि को दर्शाता है. 

खरगोन के जनजातीय समुदाय अपने घरों के सामने होलिका दहन करते हैं, जो सामूहिक होलिका दहन से अलग होता है