पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए ज्येष्ठ अमावस्या पर करें ये काम
पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए अमावस्या तिथि बेहद खास मानी गई है. इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी विधान है.
वैसे तो हर महीने अमावस्या आती है लेकिन ज्येष्ठ मास की अमावस्या का खास धार्मिक महत्व है. ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन पितरों की पूजा का खास महत्व है.
अमावस्या के दिन पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पितृ देव के निमित्त दान करने की परंपरा रही है. इस दिन ऐसा करने से ना सिर्फ पितर खुश होते हैं, बल्कि पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है.
पितरों को प्रसन्न करने के लिए ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि में गंगा नदी में स्नान करने के बाद हाथ में काला तिल लेकर सबसे पहले अपने पितरों को याद करना चाहिए. इसके बाद उन्हें जल अर्पित करना चाहिए.
ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन पीपल में एक लोटा जल जरूर देना चाहिए. ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.
पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है. इसलिए अमावस्या के दिन उसमें जल देने पर ना सिर्फ भगवान विष्णु बल्कि पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन जरुरतमंदों को भोजन कराना चाहिए. मान्यता है इस दिन ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन ऐसा करने से पितर देव प्रसन्न होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन शाम के समय कपूर जलाकर पूरे घर में दिखाना चाहिए. ऐसा करते हुए कपूर को छत के बीच में जलते हुए छोड़ देना चाहिए.
ध्यान रहे कि वापस लौटते वक्त जलते हुए कपूर को देखना नहीं चाहिए. ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है.