अंतिम संस्कार के दौरान इंसान के शरीर का एक हिस्सा नहीं जलता है, जानिए कौन सा? 

इस धरती पर जितने भी धर्म हैं, उन सभी में जन्म से लेकर मृत्यु तक के रिवाज और संस्कार अलग-अलग होते हैं.

हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद शरीर का अंतिम संस्कार अग्नि द्वारा किया जाता है, जिसे दाह संस्कार कहा जाता है. 

जब किसी मृत शरीर को चिता पर रखा जाता है और उसमें अग्नि दी जाती है, तो कुछ ही घंटों में शरीर के अंग धीरे-धीरे जलकर राख में बदल जाते हैं.

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि शरीर का कौन सा हिस्सा दाह संस्कार के दौरान पूरी तरह नहीं जलता?

दरअसल, वैज्ञानिकों ने इस विषय पर एक रिसर्च की थी, जिसमें यह देखा गया कि अग्नि में शरीर के अलग-अलग हिस्से किस प्रकार प्रभावित होते हैं.

इस अध्ययन के अनुसार, जब शव को लगभग 670 से 810 डिग्री सेल्सियस तापमान पर जलाया जाता है, तो महज 10 मिनट में शरीर के ऊतक पिघलने लगते हैं.

पूरा शरीर जलकर राख बनने में लगभग 2 से 3 घंटे लगते हैं. लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस पूरी प्रक्रिया में एक हिस्सा ऐसा होता है जो नहीं जलता.

जानकारी के अनुसार, वो हिस्सा है "दांत". दांत शरीर का ऐसा अंग है जो चिता की आग में भी नहीं जलता. 

इसका कारण है कि दांत कैल्शियम फॉस्फेट से बने होते हैं, जो अत्यधिक तापमान सहन करने की क्षमता रखते हैं. 

Human Body Cremation

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