मृत्यु के समय क्यों जपते हैं भगवान का नाम? नहीं जानते तो जान लीजिए
कई लोग आज भी इस बात से अंजान हैं कि आखिर मृ्त्यु के समय भगवान का नाम क्यों जपा जाता है.
मृत्यु के समय भगवान का नाम क्यों जपते हैं, इसका उत्तर धर्म गंथ गीता में मिलता है.
श्रीमद्भागवत गीता में भगवन श्रीकृष्ण कहते हैं कि जो व्यक्ति मरते समय भगवान का नाम लेता है, वह सीधा ईश्वर को प्राप्त करता है.
उस वक्त उसके पाप कर्मों को भी दरकिनार कर दिया जाता है.
गीता में भगवान कहते हैं- "ओमित्येकाक्षरं बह्म व्याहारन्मामनुस्मरन् य: प्रयाति त्यजन्देहं स याति परमां गतिम्"
अर्थात् जो व्यक्ति ओम् का जाप करते हुए भगवान का नाम जपता है, उसके शरीर में उस वक्त सकारात्मक ऊर्जा होती है.
मृत्यु के समय भगवान के नाम का जाप करने से मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं. व्यक्ति को मृत्यु लोक में दुबारा नहीं आना पड़ता है.
मृत्यु के वक्त भगवान के नाम का जाप करने से व्यक्ति मरते वक्त भी जागरूक रहता है.
अगर कोई व्यक्ति मृत्यु के समय ऐसा नहीं करता है तो वह लंबे समय तक एक ही प्रकार के जीवनचक्र में फंसा रहता है.
आध्यात्मिक गुरु संत प्रेमानंद महाराज के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति मृत्यु के डर से अंतिम समय में नाम जाप भूल जाए तो उसका शरीर सुन्न हो जाएगा.
मृत्यु के समय चेतना में जो छवि बसी होती है, मरने के बाद व्यक्ति को वही प्राप्त होता है.
यही वजह है कि मृत्यु के समय भगवान के नाम का जाप करने से अंतिम समय में भी प्रभु की छवि मन में रहती है जिससे मोक्ष की प्राप्ति संभव है.