हिंदू से बौद्ध धर्म अपनाए इस देश के झंडे पर आज भी है मंदिर
दुनिया का एक देश जो पहले हिंदू धर्म को मानता था लेकिन बाद में यहां के ज्यादातर लोगों ने बौद्ध धर्म अपना लिया.
बौद्ध धर्म को स्वीकार करने के बाद भी इस देश के झंडे पर आज भी विशाल मंदिर का चित्र बना हुआ है.
इस देश के झंडे पर जिस मंदिर का चित्र बना हुआ है, उसमें लाल और नीले रंग की दो पट्टियां बनी हुई हैं. इन्हीं पट्टियों के बीच में तिन शिखरों वाला हिंदू मंदिर का चित्र है.
यह चित्र इस बात को दर्शाता है कि इस देश का हिंदू धर्म से गहरा लगाव है. इस देश का झंडा कई सालों में अनेक बार बदला लेकिन इसके झंडे से मंदिर का चित्र नहीं हटा.
दो धारियों वाला यह झंडा जिस देश का प्रतीक चिह्न है उसका नाम- कंबोडिया है. कंबोडिया ने इस झंडे को साल 1989 में स्वीकार किया, जिसके बाद 1993 में सरकार ने इसे मंजूरी दे दी.
वर्ष 1875 से ही कंबेडिया के झंडे में अंकोरवाट के मंदिर को रखा गया था. साल 1948 में आजाद होने के बाद इसे नेशनल फ्लैग बना दिया गया जो कि साल 1970 तक चला.
जब कंबोडिया का नाम बदलकर खमेर गणराज्य कर दिया गया तो लोन नोल ने इसके लिए नया झंडा पेश किया.
खमेर गणराज्य खमेर रूज के 1975 तक के शासन तक कायम रहा. इसके बाद फिर कंबोडिया का नाम डेमोक्रेटिक कंपूचिया हो गया, जो 1975 से 1979 तक अस्तित्व में था.
बाद में इसका झंडा बदला और पीले रंग में तीन टावरों वाले अंगकोर वाट डिजाइन के साथ लाल झंडे का इस्तेमाल किया गया.
कंपूचिया गणराज्य कंबोडिया पर वियतनामी आक्रमण के बाद 1979 में स्थापित किया गया था.
साल 1993 में, 1948 के कम्बोडियन ध्वज को फिर से अपनाया गया. अब यही कंबोडिया का राष्ट्रीय झंडा है.