शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद क्यों नहीं खाना चाहिए? ये है खास वजह
सावन का पावन महीना इस साल 22 जुलाई से शुरू हो रहा है. इस दौरान भगवान शिव के प्रतीक रूप शिवलिंग पर जलाभिषेक के साथ-साथ महादेव की पूजा होगी.
वैसे तो सावन में शिवलिंग पर कई प्रकार के प्रसाद चढ़ाए जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवलिंग पर चढ़ प्रसाद क्यों नहीं खाना चाहिए.
सावन मास में शिवलिंग पर पूजन सामग्री और प्रसाद अर्पित करने से मनोकामना पूरी होती है.
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार शिवजी के मुख से चंडेश्वर नामक गण (दूत) प्रकट हुआ था. जिसे भूत-प्रेतों का प्रधान कहा जाता है.
शिवलिंग पर जो प्रसाद अर्पित किया जाता है वह इन्हीं का होता है. इसलिए शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाना भूत-प्रतों के खाना खाने जैसा माना जाता है.
हालांकि, सभी शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद चंडेश्वर का नहीं माना जाता है. मुख्य रूप से मिट्टी से बने शिवलिंग, साधारण पत्थर, और चीनी मिट्टी से बने शिवलिंग पर अर्पित प्रसाद को नहीं खाया जाता है.
ऐसे में इन तीन प्रकार के शिवलिंग पर चढ़े प्रसाद को खाने के बजाय किसी नदी में बहा देना चाहिए.
सोने, चांदी और चांबे के बने शिवलिंग पर चढ़े हुए प्रसाद को ग्रहण किया जा सकता है.
पारद शिवलिंग पर चढ़े हुए प्रसाद को भी खाया जा सकता है. साथ ही घर भी ले जाया जा सकता है.