मुख्य द्वार पर किस चीज से स्वास्तिक बनाना है शुभ

सनातन धर्म में स्वास्तिक को शुभता से जोड़कर देखा गया है. यही वजह है कि इस शुभ चिह्न को शुभ कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है. 

मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाने की परंपरा सदियों से रही है. जिसका आज भी पालन किया जाता है. 

लेकिन क्या आप जानते हैं शुभ कार्यों के लिए किस चीज से स्वास्तिक बनाना शुभ है. अगर नहीं तो अभी जान लीजिए.

सनातन धर्म में स्वास्तिक को बेहद पवित्र माना गया है. इसे सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना गया है. 

मान्यता है कि मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती. 

स्वास्तिक को लेकर पौराणिक मान्यता है कि यह भगवान गणेश का स्वरूप है. इसलिए शुभ कार्य में इसका प्रयोग किया जाता है.

स्वास्तिक में चार भुजाएं होती हैं जो कि ब्रह्मा जी के चार मुख, चार हाथ और चार वेदों के प्रतीक हैं. 

स्वास्तिक की चार भुजाएं चारों दिशाओं को भी निरुपित करती हैं. मान्यता है कि इसे किसी स्थान पर बनाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

स्वास्तिक, मुख्य रूप से खास स्थान, विशेष वस्तु, देवस्थान और घर के मुख्य द्वार के अलावा दीवारों पर बनाया जाता है. 

शास्त्रों के मुताबिक, स्वास्तिक को बनाने के लिए सिंदूर, कुमकुम, हल्दी और घी से बनना शुभ है. दीवारों पर सिंदूर या हल्दी से स्वास्तिक बनाया जाता है.