पंजाब के पैरा-कराटे चैंपियन तरुण शर्मा ने भारत के लिए कुल 18 पदक जीते हैं, जिनमे 8 स्वर्ण भी शामिल हैं.
तरुण छह महीने की उम्र से ही लकवाग्रस्त है. वह चलने-फिरने में असमर्थ है और बोलने में भी दिक्कत होती है.
शारीरिक चुनौतियों के बावजूद, तरुण ने भारत का प्रतिनिधित्व करने और अपने देश के लिए पदक जीतने के अपने सपने को पूरा करने से कभी नहीं रोका.
तरुण ने 2019 में आयरलैंड में विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया जहां उन्होंने तीसरा स्थान हासिल किया.
उन्होंने वर्ष 2022 में उज्बेकिस्तान में एशियाई पैरा चैंपियनशिप में रजत पदक और वर्ष 2023 में मलेशिया में कांस्य पदक जीता था.
तरुण के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी, उनके पिता सब्जी बेचने का काम करते थें.
जब तरुण 13 वर्ष के थे तब जिला स्तरीय टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए पैसा जुटाने को लेकर उनके पिता को अपना घर गिरवी रखना पड़ा था.
पिता की मौत के बाद परिवार की आर्थिक सहायता और अपने सपनों को पूरा करने के लिए तरुण को भी सब्जी बेचनी पड़ी थी.
तरुण ने बताया कि सरकार से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलने के कारण उन्होंने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों का खर्च लोन लेकर चलाया.
इस लोन के कारण उन पर 12 लाख रुपये का कर्ज हो गया, जिसका एक बड़ा हिस्सा हाल ही में प्रसिद्ध पंजाबी कलाकार करण औजला ने चुकाया.