आखिर क्यों शुभ माना जाता है शमी का पौधा और क्या है इससे जुड़ी भगवान शिव की कहानी?

भगवान शिव को जैसे बेल पत्र प्रिय हैं वैसे की शमी का पौधा भी अत्यंत प्रिय माना जाता है. 

शिव जी को यह पौधा चढ़ाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शमी का पौधा शक्ति, साहस और विजय का प्रतीक है जिसे शिव जी को अर्पित करना जीवन की बाधाओं से मुक्ति और सुरक्षा का आशिर्वाद प्राप्त करने के समान है. 

जब भगवान शिव ने राक्षसों का संहार करने का संकल्प लिया था तब उन्होंने शमी के वृक्ष का आश्रय लिया था. 

इस घटना से यह वृक्ष शिव जी से जुड़ गया और तब से भक्तों ने इसे पूजा में अर्पित करना शुभ मानना शुरू कर दिया. शमी का पौधा चढ़ाने से शिव जी प्रसन्न होते हैं. 

शिव भक्त गोपाल कृष्ण ने बताया कि धार्मिक परंपरा के अनुसार शमी के पौधे का सोम, शनि, रवि और अमावस्या के दिन तोड़ना वर्जित है. 

ऐसा माना जाता है कि इस पौधे में शनिदेव का वास होता है और इन विशेष दिनों पर इसे तोड़ने से अशुभ फल प्राप्त हो सकता है. 

सोमवार को भी इसे नहीं तोड़ा जाता, क्योंकि यह भगवान शिव का प्रिय दिन होता है और इस दिन शिव जी के सम्मान में वृक्ष को अर्पण के लिए तोड़ने से बचा जाता है.