ताइवान में अब भारतीयों को मिलेंगी बंपर नौकरी, भारत के साथ पक्की हुई डील

भारत और ताइवान ने शुक्रवार को माइग्रेशन एंड मोबिलिटी एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए.

इस एग्रीमेंट के तहत भारतीयों को ताइवान में ​विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार मिल सकेगा.

इंडिया-ताइपे एसोसिएशन (ITA)  के महानिदेशक मनहरसिंह लक्ष्मणभाई यादव और नई दिल्ली में ताइपे इकोनॉमिक एंड कल्चरल सेंटर  के प्रमुख बौशुआन गेर ने एक वर्चुअल इवेंट में एमओयू पर हस्ताक्षर किए.

ताइवान और भारत के बीच इस समझौते से चीन को मिर्ची लगनी तय है. बता दें कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है और आए दिन उसे आंखें दिखाता है.

ताइवान के श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए ताइवान और भारत ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.

दोनों पक्ष पिछले कई वर्षों से इस समझौते पर चर्चा में लगे हुए थे. सभी कागजी कार्रवाइयों पूरी करने के बाद ताइवान, प्रवासी श्रमिकों की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत को 'सहयोगी' देश घोषित करेगा. 

बता दें कि वर्तमान में प्रवासी श्रमिकों के लिए ताइवान के सहयोगी देश वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस और थाईलैंड हैं. 

भारत और ताइवान माइग्रेशन एंड मोबिलिटी एग्रीमेंट को लागू करने की प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए फॉलो-अप मीटिंग करेंगे.

एक बयान में कहा गया है कि फॉलो-अप मीटिंग में, दोनों पक्ष उन उद्योगों जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे जिनमें भारतीयों को रोजगार दिया जा सकता है.

ताइवान कितने भारतीयों को अपने यहां नौकरी देगा, इसके ​लिए जरूरी योग्यता क्या होगी, भाषा संबंधी दिक्कतों को कैसे दूर किया जाएगा और रोजगार के लिए भर्ती व आवेदन प्रक्रिया क्या होगी, इन मुद्दों पर भी फॉलो-अप मीटिंग में चर्चा होगी.