जानें इस कार्ड के बारे में- भू-आधार के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जितनी भी भूमि है. उसे 14 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या मिलेगी. इसे भू आधार (ULPIN) के नाम से पहचाना जाएगा.
जानें कैसे काम करेगा भू-आधार इससे पहले GPS तकनीक की मदद लेकर जमीन का जियोटैग किया जाता है. इसके बाद सर्वेक्षण करने वाले भूमि की सीमा का भौतिक(Physical) वेरिफिकेशन और माप करते हैं.