कबूतर की बीट से फेफड़ों की कई बीमारियां हो सकती हैं, ऐसा अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग का कहना है.
अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, कबूतर की सूखी बीट का धूल-कण इंसान के फेफड़ों को संक्रमित कर सकता है
सर गंगाराम अस्पताल में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि कबूतरों के बीट और पंखों के संपर्क में रहने से एक 11 साल के लड़के को हाइपरसेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस हो गया.
हाइपरसेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस तब होता है जब अवशिष्ट पदार्थ सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं.
कबूतर की बीट में बैक्टीरिया, फंगी और पैरासाइट समेत कई सूक्ष्म जीव मौजूद होते हैं.
कबूतर की बीट में हिस्टोप्लाज्मा कैप्सूलटमा नामक खतरनाक फंगी पाया जाता है.
कबूतर की बीट सूख जाने के बाद एयरबोर्न होकर सांस के जरिए शरीर के अंदर चली जाती है. जिससे फेफड़े में कई प्रकार के इंफेक्शन हो सकते हैं.
कबूतर की बीट से होने वाली एलर्जी सेंसिटिव लोगों में अस्थमा जैसे अन्य सांस से संबंधित बीमारी के खतरे को बढ़ा सकता है.
कबूतर की बीट का सांस के रूप में फेफड़े में जाने पर श्वसन तंत्र में जलन होने लगती है, जिससे खांसी, सांस लेने में तकलीफ और सीने में जकड़न जैसी समस्या हो सकती है.