अब सरकारी कर्मचारी नहीं ले सकेंगे दहेज, इस राज्य में हुआ फैसला
यूपी में दहेज प्रथा पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है.
उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली 2004 का पालन सख्ती से कराने जा रही है. इसको लेकर नए सिरे से निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को दहेज न लेने के लिए शपथपत्र देना होगा और ये शपथ पत्र अपने नियुक्ति अधिकारी के पास जमा कराना होगा.
निदेशक ने कहा है कि सभी सरकारी विभागों के कर्मचारियों व अधिकारियों से इसका शपथ पत्र लिया जाए.
इसके बाद सरकारी सेवा में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी अपनी शादी में अब दहेज नहीं ले सकेंगे. उनको दहेज न लेने के लिए शपथ पत्र देना होगा.
उनको शपथ पत्र में ये बताना होगा कि उन्होंने शादी के दौरान कोई दहेज नहीं लिया है. इस शपथ पत्र को अपने नियुक्ति अधिकारी को देना होगा.
बता दें कि उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली 2004 के नियम – 6, उप नियम – 4 (i) में यह प्रावधान किया गया है.
प्रत्येक सरकारी कर्मचारी अपने विवाह के पश्चात् यह कथन करते हुए विभागाध्यक्ष को घोषणा प्रस्तुत करेगा कि उसने कोई दहेज नही लिया है.
दहेज निषेध अधिनियम (Dowry Prohibition Act), 1961 के अनुसार दहेज लेने, देने या इसके लेन-देन में साथ देने वालों को 5 साल की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है.
इसके साथ 15,000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है. इसके लिए 3 साल की जेल और जुर्माना का प्रावधान है.
तो वहीं दहेज के लिए मारपीट करने अथवा कीमती चीजों की मांग करने पर IPC की धारा 498a के तहत सजा का प्रावधान किया गया है.