दालों की महंगाई कम करने को सरकार ने बनाया प्लान, जनवरी-फरवरी में करेंगे ये काम

महंगाई के बादल फिर से मंडराने लगे हैं. खासकर दालों पर महंगाई लगातार बढ़ रही है. जिसे कम करने को सरकार ने कदम उठाने भी शुरू कर दिए हैं.

घरेलू बाजार में अरहर और उड़द की दाल की कीमत को करने के लिए सरकार ने इंपोर्ट का सहारा लेने का मन बना लिया है.

केंद्र सरकार जनवरी में 400,000 टन तुअर दाल (अरहर) और फरवरी में 1 मिलियन टन उड़द दाल (काला चना) का म्यांमार से इंपोर्ट करने जा रही है.

भारत ऐसे समय में तुअर का इंपोर्ट करने का ऐलान कर रहा है जब कटाई अभी भी चल रही है.

वास्तव में सरकार को रकबे में गिरावट के कारण पिछले साल की तुलना में कम उत्पादन की उम्मीद है.

इस साल जनवरी में, सरकार ने जमाखोरी को रोकने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए तुअर और उड़द पर स्टॉक लिमिट भी लगाई थी.

ये स्टॉक लिमिट 30 अक्टूबर को समाप्त होना था, सरकार ने इसे दिसंबर के अंत तक के लिए बढ़ा दिया है.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को उड़द की अखिल भारतीय खुदरा कीमत पिछले साल के 9,627.48 रुपए के मुकाबले 11,198.09 रुपए प्रति क्विंटल थी.

तुअर में महंगाई की दर सितंबर में 37.3 फीसदी से अधिक थी. ये हालात तब है जब मार्च के महीने में सरकार ने तुअर पर इंपोर्ट शुल्क को खत्म कर अफ्रीका और म्यांमार से इंपोर्ट बढ़ाने के प्रयास किए थे.