अब भूमि का भी बनेगा भू-आधार कार्ड, कोई नहीं हड़प सकेगा आपकी जमीन
देश के नागरिकों के आधार कार्ड की तरह अब जमीनों को भी पहचान मिलेगी. इसे भू आधार का नाम दिया गया है.
जमीन रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन के तहत आम बजट में इसे प्रस्तावित भी किया गया है. तीन साल में इस लागू कर दिया जाएगा.
ऐसे में अब आपकी जमीन का भी आधार कार्ड बन जाएगा. वैसे भी आधार कार्ड आने से देश में कई क्रांतिकारी बदलाव आए हैं.
आज के समय आधार कार्ड की वजह से कई सरकारी योजनाओं का फायदा सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंच रहा है. इस कारण आधार कार्ड काफी जरूरी दस्तावेज बन गया है.
दरअसल, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भूमि सुधार को लेकर सरकार ने बजट 2024 में कई बड़े कदम उठाए है.
इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के लिए भू-आधार का प्रस्ताव रखा गया है. इसके अलावा शहरी भूमि का भी डिजिटलीकरण का भी प्रस्ताव रखा गया है.
सरकार अगले तीन सालों में इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. भू-आधार से जमीन से जुंड़े विवाद भी खत्म हो जाएंगे.
भू-आधार के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जितनी भी भूमि है उसे 14 अंकों की विशिष्ट पहचान मिलेगी. इसे भू-आधार के नाम से जाना जाता है.
इस प्रक्रिया में भूमि की पहचान संख्या के साथ उसका मानचित्रण, सर्वे, मालिकाना और किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. इससे कृषि लोन मिलने में आसानी हो जाएगी.