बता दें कि ऐसा DRAM की बढ़ती डिमांड की वजह से हो सकता है. अभी नई चिपसेट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की डिमांड बढ़ रही है और दूसरी तरफ LPDDR5(X) की सप्लाई में भी दिक्कत आ रही है.
यह सब चीनी मुद्रा के मजबूत होने के कारण हो रहा है. भारतीय स्मार्टफोन उद्योग को उन घटकों के लिए अधिक खर्च करना पड़ सकता है जो चीन से आयात किए जाते हैं.
ऐसा इसलिए क्योंकि अभी मोबाइल कंपनियों के पास आपूर्ति के लिए प्रयाप्त सामान है और अगले फोन के निर्माण करने के लिए जब आवश्यक उपकरण चाहिए होंगे तो फोन के दाम बढ़ सकते हैं.