आज यानी 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की पहली रैपिड रेल, रैपिडएक्स का उद्घाटन करेंगे.
इसके अगले दिन से यानी 21 अक्टूबर से आम लोग इस ट्रेन का आनंद उठा सकेंगे. रैपिडएक्स का सफर हवाई जहाज की यात्रा की फीलिंग कराएगा.
देश की ये पहली रैपिडक्स ट्रेन कामकाज के लिए गाजियाबाद, साहिबाबाद और मेरठ से दिल्ली आने वाले लोगों के लिए वरदान साबित होगी.
इंटीग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम और सामान रखने की जगह सहित बहुत सी ऐसी और भी सुविधांए हैं, जो मेट्रो में नहीं हैं.
मेरठ से दिल्ली में आने में जहां अभी लोगों को घंटों सड़क के रास्ते पर धक्के खाने पड़ते है, वहीं इस ट्रेन की सुविधा से लोग महज 55 मिनट में सफर पूरा कर लेंगे.
रैपिडएक्स ट्रेनें 180 किमी/घंटा की डिजाइन स्पीड और 160 किमी/घंटा की ऑपरेशनल स्पीड के साथ मेट्रो की तुलना में 3 गुना तेज चलती हैं.
यह सिर्फ 60 मिनट में 100 किमी तक का सफर तय कर सकती है. मेट्रो की डिज़ाइन की गई गति 90 किमी/घंटा और ऑपरेशनल स्पीड 80 किमी/घंटा है.
ये ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम से जुड़े होंगे. नॉर्मल कोच में तीन-तीन दरवाजे होंगे तो प्रीमियम कोच में दो-दो दरवाजे होंगे.
प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाए जाएंगे और ट्रेनों के दरवाजों को इस पीएसडी से जोड़ा जाएगा.
हर सीट पर मोबाइल और लैपटॉप आदि को चार्ज करने की सुविधा रैपिडएक्स में उपलब्ध कराई जाएगी. सीट के साथ ही कोट हैंगर भी दिया गया है.
रैपिडएक्स में वाईफाई की सुविधा यात्रियों को मिलेगी. डायनेमिक रूट मैप और इंफोटेंटमेंट सिस्टम भी कोच में लगा होगा.