वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 23 जुलाई को संसद में आम बजट पेश किया है. इससे पहले सोमवार को उन्होंने संसद में इकोनॉमिक सर्वे रखा था.

यह सर्वे एक तरह से सरकार का रिपोर्ट कार्ड होता है. सरकार इस रिपोर्ट के जरिए अपने पिछले एक साल के कामकाज की समीक्षा करते हुए आगे की प्लान को तैयार करती है. 

इस सर्वे में तेलंगाना के ‘बर्तन बैंक’ का भी जिक्र है. आइए जानते हैं कि इस ‘बैंक’ की क्या खासियत है.

इंफ्रास्ट्रक्चर की श्रेणी में स्टील (बर्तन) बैंक का जिक्र किया गया है. यह योजना तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले में शुरू हुई थी. सिद्दीपेट, राजधानी हैदराबाद से लगभग 100 किलोमीटर उत्तर में है.

बर्तन बैंक का कॉन्सेप्ट प्लास्टिक कचरे से निपटने का एक नायाब तरीका है. इस रचनात्मक और टिकाऊ समाधान के जरिए सिद्दीपेट जिले में डिस्पोजेबल बर्तनों का प्रबंधन सुनिश्चित होता है.

यह ‘बैंक’ स्टील के बर्तन सामाजिक, धार्मिक, सरकारी या किसी और प्रकार के समारोहों के लिए मामूली फीस पर उधार पर देता है. 

बर्तनों में स्टील की चम्मच, प्लेट, ग्लास और कटोरी शामिल हैं. ये सभी चीजें ग्राम पंचायत कार्यालय में रखी जाती हैं, जो एक बैंक के रूप में काम करता है. 

किसी को अगर कोई फंक्शन कराना है, तो वो प्लास्टिक की प्लेट के बजाय बर्तन बैंक से स्टील की प्लेट-चम्मच ले सकता है. 

बदले में उसे मामूली फीस देनी होगी. यह बैंक स्वयं सहायता समूहों (SHG) द्वारा प्रबंधित किया जाता है.