आजकल ईयरफोन, ईयरबड्स और हेडफोन का इस्तेमाल लगभग हर कोई करता है. म्यूजिक सुनने, वीडियो देखने या कॉल करने के लिए ये डिवाइस हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गए हैं.
आपने अक्सर मेट्रो, ट्रेन, पार्क या कहीं भी सार्वजनिक जगहों पर लोगों को देखा होगा कि वे कान में ईयरफोन लगाकर आसपास के माहौल से पूरी तरह बेखबर हो जाते हैं.
जबकि 50 फीसदी के आसपास वे हैं जो लंबे समय तक मनोरंजन की जगहों पर बजने वाले तेज म्यूजिक, क्लब, डिस्कोथेक, सिनेमा, फिटनेस क्लासेज या अन्य सार्वजनिक जगहों पर बजने वाले तेज साउंड के संपर्क में रहते हैं.
डॉक्टर्स का कहना है कि कानों के लिए 20 से 30 डेसीबल तक का वॉल्यूम सुरक्षित है. यह लगभग वह वॉल्यूम है जिस पर दो लोग शांति से बातचीत करते हैं.
लगातार 75 डेसीबल से ज़्यादा वॉल्यूम पर म्यूजिक सुनने से कानों की सेंसरी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है. यह नुकसान स्थायी हो सकता है और इसके लिए कोई इलाज भी नहीं है.
अगर आपको लगातार तेज आवाज़ सुनने के बाद कान में दर्द, बजने की आवाज़, या कम सुनने की समस्या हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.