इस नई और अनोखी खोज के साथ भारत में मिमेटस नस्ल की मकड़ियों की कुल संख्या तीन हो गई है. इससे पहले, भारत में मिमेटस मकड़ी की खोज 118 साल पहले हुई थी.
ZSI की निदेशक डॉ. धृति बनर्जी का कहना है कि, पश्चिमी क्षेत्र देश की जलवायु परिस्थितियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और वैज्ञानिकों को आश्चर्यचकित करता रहता है.
डॉ. धृति बनर्जी ने बताया कि मकड़ियों के क्लासिफिकेशन और जैव भूगोल के क्षेत्र में अभी बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहां अधिक रिसर्च और सर्वे की आवश्यकता है.
मिमेटस नस्ल की मकड़ियों की इस नई खोज से यह स्पष्ट होता है कि भारत में इस नस्ल की वास्तविक विविधता अब तक काफी हद तक अनजानी है, और भविष्य में ऐसी और भी नई नस्लों की खोज होने की संभावना है.