भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) ने हाल ही में दक्षिण भारत के पश्चिमी घाट क्षेत्र में मकड़ी की दो नई नस्लों की खोज की है.

ZSI के एक बयान में कहा गया है कि नई खोजी गई प्रजातियां- 'मिमेटस स्पिनेटस' और 'मिमेटस पार्वुलस' इस क्षेत्र के महत्व को उजागर करती हैं.

इस नई और अनोखी खोज के साथ भारत में मिमेटस नस्ल की मकड़ियों की कुल संख्या तीन हो गई है. इससे पहले, भारत में मिमेटस मकड़ी की खोज 118 साल पहले हुई थी. 

ZSI की निदेशक डॉ. धृति बनर्जी का कहना है कि, पश्चिमी क्षेत्र देश की जलवायु परिस्थितियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और वैज्ञानिकों को आश्चर्यचकित करता रहता है. 

यह खोज डॉ. सौविक सेन के साथ डॉ. सुधीन पीपी और डॉ. प्रदीप एम शंकरन की एक शोध टीम द्वारा की गई. 

डॉ. धृति बनर्जी ने बताया कि मकड़ियों के क्लासिफिकेशन और जैव भूगोल के क्षेत्र में अभी बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहां अधिक रिसर्च और सर्वे की आवश्यकता है. 

आपको बता दें पश्चिमी घाट को दुनिया के सबसे गर्म जैव विविधता केंद्रों में से एक माना जाता है. 

यूनेस्को द्वारा इस क्षेत्र को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई है, जिससे इसकी जैव विविधता और भी महत्वपूर्ण हो जाती है.

मिमेटस नस्ल की मकड़ियों की इस नई खोज से यह स्पष्ट होता है कि भारत में इस नस्ल की वास्तविक विविधता अब तक काफी हद तक अनजानी है, और भविष्य में ऐसी और भी नई नस्लों की खोज होने की संभावना है.