ब्याज चुकाने पर खर्च होता है बजट का 20% पैसा, जानें सरकार को कौन देता है कर्ज

सरकार के कर्ज लेने के दर्जनों जरिए हैं. 

इसमें सब्सिडी 7 पैसा, पेंशन 4 पैसा, अन्य खर्च 8 पैसा, वित्त आयोग और अन्य संस्थाएं 9 पैसा, केंद्रीय योजनाओं पर खर्च 17 पैसा और कर्ज और ब्याज 20 पैसा है. 

भारत सरकार पर देश और विदेश के सभी तरह के कर्ज शामिल हैं. 

2005 से 2013 तक 9 साल में मनमोहन सरकार के दौरान विदेशी कर्ज 10 लाख करोड़ रुपए से 34.03 लाख करोड़ रुपए हो गया यानी 240% कर्ज बढ़ गया.

वहीं, मोदी सरकार के कार्यकाल में केंद्र सरकार ने विदेश से कुल 17.31 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया यानी कर्ज में 46.78% की वृद्धि हुई.

2005 से 2013 तक 9 साल में मनमोहन सरकार के दौरान देसी कर्ज 13 लाख करोड़ रुपए से 42 लाख करोड़ रुपए हो गया यानी 223% की ग्रोथ हुई.

वहीं, मोदी सरकार के कार्यकाल में केंद्र सरकार ने कुल 89 लाख करोड़ रुपए का देसी कर्ज लिया यानी कर्ज में 250% की वृद्धि हुई.

टॉप 10 इकोनॉमी वाले देश GDP के मुकाबले कर्ज.