आखिर कैसे तोते कर लेते हैं इंसानों की आवाज की नकल? जानें ऐसा क्या होता है खास

अक्सर लोगों को जानवरों से इतना लगाव होता है कि वो इन्हें पाल लेते हैं. कुछ लोगों को कुत्ता पालना अच्छा लगता है तो कुछ लोगों को बिल्ली. 

लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जिन्हें पक्षी पालने का भी शौक होता है जिसमें तोता का नाम शामिल है. तोता एक ऐसा पक्षी है जो इंसानों का सबसे प्रिय होता है और ज्यादातर लोग इसे पालना पसंद भी करते हैं. 

तोते की एक खासियत होती है इसका इंसानों की नकल करना. इसमें इंसानों की बोली की नकल करने की क्षमता होती है.

लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा कैसे होता है कि यह इंसानों की आवाज की नकल कर लेता है? चलिए हम आपको बताते हैं इसके पीछे का राज 

दरअसल, तोते की श्वासनली में एक अत्यधिक विकसित सिरिंक्स होता है जिसके ज़रिए वह मनुष्य की आवाज़ की नकल करते हैं. हालांकि, तोते यह नहीं जानते हैं कि वह क्या बोल रहे हैं. 

एक्सपर्ट्स का मानना है कि तोते अधिकतर शब्दों के अर्थ नहीं समझते हैं लेकिन वे शब्दों के आसपास के संदर्भ से ज़रूर अवगत होते हैं. 

वे श्वासनली की गहराई और आकार को बदलकर अलग-अलग ध्वनियाँ निकालते हैं. तोता प्रजाति के कुछ और पक्षी भी ऐसा कर सकते हैं.

इतना ही नहीं तोते की जीभ भी मोटी होती है जो उन्हें आवाज की नकल करने में मदद करती है. तोते विशेष रूप से मानवीय शब्दों और ध्वनियों की नकल करने में अच्छे होते हैं. 

हालांकि तोते में इंसानों की तरह समझ नहीं होती है लेकिन आपकी बोली की नकल करने या कुछ शब्दों को उसी तरह नकल करके दोहराने में वो सक्षम होते हैं.