आखिर किस चीज के बनते हैं प्लेन के टायर, जो तेज स्पीड में लैंड करने पर भी नहीं फटते

हवाई जहाज के टायर खास तरह के मैटेरियल से बने होते हैं, जो तेज स्पीड में लैंडिंग के दौरान भी मजबूती बनाए रखते हैं.

फ्लाइट में इस्तेमाल होने वाले टायर 45 इंच के सिंथेटिक रबर के यौगिक संयोजन से बनते हैं, जिनमें एल्यूमीनियम स्टील को नायलॉन और आर्मीड से बने कपड़े के साथ जोड़ा जाता है.

हवाई जहाज का वजन 200 से 250 टन तक हो सकता है और यह 150 से 250 मील प्रति घंटे की रफ्तार से लैंड करता है.

इस दौरान टायर को अत्यधिक दबाव और गर्मी झेलनी पड़ती है. टायरों में 200 पाउंड प्रति वर्ग इंच दबाव के साथ नाइट्रोजन गैस भरी जाती है.

नाइट्रोजन एक अक्रिय गैस है, जो हाई तापमान और दबाव में सामान्य हवा की तुलना में कम प्रभाव डालती है.

टायरों के घर्षण (friction) के कारण आग लगने की संभावना नहीं होती, जिससे वे गर्म होकर फटते नहीं हैं. हवाई जहाज के टायर लगभग 500 बार इस्तेमाल होने के बाद रिट्रेड किए जाते हैं.

रिट्रेडिंग प्रक्रिया में इन्हें फिर से ग्रिप चढ़ाई जाती है, जिससे ये फिर से 500 बार इस्तेमाल हो सकते हैं. कुल मिलाकर, एक टायर पर 7 बार ग्रिप चढ़ाई जा सकती है.

इसलिए, हवाई जहाज के टायर तेज रफ्तार में लैंडिंग के बावजूद सुरक्षित रहते हैं और कभी नहीं फटते, क्योंकि इनका डिज़ाइन और निर्माण उच्च दबाव, तापमान और घर्षण को सहन करने के लिए किया जाता है.