आखिर क्या है दिल्ली में मौजूद लाल किले का पुराना नाम? यहां जानें जवाब
लाल किले का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने 1648 में पूरा कराया था. यह यमुना नदी के किनारे है और पुराने दिल्ली में स्थित है.
किला लाल बलुआ पत्थरों से बना है, जिस कारण इसका नाम लाल किला पड़ा.
यह किला मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है और इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी मान्यता प्राप्त है.
लाल किले का असली नाम 'किला-ए-मुबारक' है, जिसका मतलब है 'भाग्यशाली किला'.
मुगल काल में इसे इसी नाम से जाना जाता था. शाहजहां ने इसे अपनी नई राजधानी शाहजहानाबाद में स्थापित किया था.
किला-ए-मुबारक के अंदर कई महत्वपूर्ण इमारतें हैं, जैसे दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, मोती मस्जिद और रन्ग महल.
लाल किला न केवल मुगल काल की वास्तुकला का एक बेमिसाल नमूना है, बल्कि यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के भी महत्वपूर्ण स्थल के रूप में जाना जाता है.
15 अगस्त, 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने यहीं से देश के स्वतंत्रता की घोषणा की थी.
तब से लेकर आज तक, हर साल 15 अगस्त को लाल किले से प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को संबोधित किया जाता है.
लाल किला का विस्तार लगभग 255 एकड़ में है और इसकी दीवारें 2.4 किलोमीटर लंबी हैं.
किले की प्रमुख प्रवेश द्वारें लाहौरी गेट और दिल्ली गेट हैं. रन्ग महल, नहर-ए-बहिश्त, और हयात बख्श बाग इसकी सुंदरता को और भी बढ़ाते हैं.