आखिर क्यों शगुन के लिफाफे में दिया जाता है 1 रुपये का सिक्का? बेहद खास है वजह
आप अब तक कई शादी, मुंडन, उपन्यन संस्कार व अन्य तीज त्योहारों में अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के घर गए होंगे.
इन अवसरों पर आपने उन्हें कोई ना कोई उपहार या नेग भी जरूर दिया होगा. अक्सर देखा गया है कि लोग नेग या शगुन के लिफाफे में 1 रुपये का सिक्का जरूर देते हैं.
आज कल तो बाजारों में मिलने वाले शगुन के लिफाफे में पहले से ही 1 रुपये का सिक्का लगा हुआ आता है. आपने भी कई बार ऐसे मौकों पर शगुन का लिफाफा देते हुए 1 रुपये का सिक्का दिया होगा.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर शगुन के तौर पर 1 रुपये का सिक्का ही क्यों दिया जाता है? चलिए आज हम आपको बताते हैं इसके बारे में.
दरअसल, मान्यता है कि 1 रुपये के सिक्के में मां लक्ष्मी का वास होता है और चाहे 100 रुपये हों या 1 लाख रुपये उसके साथ 1 रुपये को जोड़ दिया जाए तो यह रकम विभाजित नहीं होती है और इससे रिश्ते मजबूत बनते हैं.
वहीं शून्य को भी शुभ माना जाता है इसलिए भी हर शुभ काम में छोटी-बड़ी रकम के साथ 1 रुपये का सिक्का जोड़ दिया जाता है.
सनातन संस्कृति की मान्यताओं के अनुसार नए जोड़े या किसी व्यक्ति को एक रुपए का सिक्का देना उसके जीवन में आर्थिक रूप में समृद्धि् और मंगलकामनाओं का प्रतीक माना जाता है.
वहीं, पुराने जमाने की बात करें तो पुराने समय में लोगों के पास इतना पैसा नहीं होता था कि वे आज के समय की तरह शगुन में 501 या 2001 रुपए दे सकें. इसलिए पहले के लोग शगुन के रूप में एक रुपए बढ़ाकर यानी 11 या 21 रुपए का शगुन देते थे.
मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता था. वहीं कुछ लोगों का यह भी मानना है कि शगुन में दिए जाने वाला एक रुपए का सिक्का उसे देने और लेने वाले दोनों के लिए बेहद शुभ और खास माना जाता है.