आखिर 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है नया साल, जानें इतिहास और वजह
दिसंबर का महिना खत्म होने वाला है और चंद घंटो में नए साल 2025 की शुरुआत होने वाली है. 31 दिसंबर खत्म होते ही रात 12 बजे पूरी दुनिया नए साल का स्वागत करेगी.
इस दिन पूरे देश में पुराने साल को अलविदा कहने और नए साल का स्वागत करने के लिए 1 जनवरी को जश्न मनाया जाता है.
लेकिन आपने कभी सोचा है कि आखिर 1 जनवरी को ही नया साल क्यों मनाया जाता है. चलिए जानते हैं 1 जनवरी पर नया साल मनाने का इतिहास और वजह.
45 ईसा पूर्व में जूलियन कैलेंडर के चलन में आने के बाद पहली बार 1 जनवरी को नववर्ष का जश्न मनाया गया था. ऐसा रोमन देवता जानूस के सम्मान में किया गया था.
1582 में पोप ग्रेगरी XIII द्वारा कुछ गलतियों को ठीक करने के लिए लाए गए वर्तमान के ग्रेगोरियन कैलेंडर में साल की शुरुआत जनवरी से होती है.
1582 से पहले नया साल मार्च से वसंत ऋतु पर शुरू होता था लेकिन नूमा के फैसले के बाद जनवरी से साल की शुरुआत होने लगी.
दरअसल, मार्च महीने का नाम रोमन देवता मार्स के नाम पर रखा गया था जो युद्ध के देवता थे.
वहीं जनवरी रोमन देवता जेनस के नाम से लिया गया है जिनके दो मुंह थे आगे वाला मुंह शुरुआत और पीछे वाला अंत माना जाता था.
नूमा ने साल के आरंभ के लिए शुरुआत के देवता जेनस का चयन किया और ऐसे जनवरी साल का पहला महीना हो गया.